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Wednesday, 23 November 2011

अब सभी लोग एक -दुसरे से घुल मिल रहे है !एक -दुसरे को जानने -पहचानने लगे है,नए रिश्ते बनने लगे है ,और पुराने रिश्तो की नयी परिभाषाएं ! अब जज़्बात ठीक-ठीक ज़ाहिर होने लगे है ! एक और जहाँ सभी लोग एक -दुसरे में खो रहे हैं, वंही में बस उन में अपने अतीत की यादें  देख रहा था !और उन यादों के साथ जुगाली कर रहा था !लेकिन कोई और भी है ,जो मुझे भी देख रहा है !

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